लोगो के आस्था का केंद्र व माँ के दरवार में पेयजल आपूर्ति को लेकर प्रशासन जानबूझकर बना अनजान*
श्रद्धालुओं को करना पड़ता है पानी को लेकर भारी मुसीबत का सामना
बेलाताल।राजा
 छत्रसाल की नगरी जैतपुर(बेलाताल) विकास कार्यों से काफी दूर नज़र आ रहा है।
 नेता अपनी जेबें भर रहे हैं और विकास के नाम पर हो रही लीपापोती।
गैरतलब
 है कि बेलाताल नगर में मातारानी का वर्षों पुराना मंदिर है,जो छैमाई माता 
मंदिर नाम से प्रसिद्ध माना जाता है एवं लोग अपनी  आस्था का केन्द्र मानते 
हैं यह मंदिर पहाड़ों के ऊपर बना हुआ है।
महत्वपूर्ण बात यह है 
कि  बेलासागर तालाब समीप पहाड़ पर बने मां के मंदिर से मीलों दूर तक नही है 
पीने का पानी जो श्रद्धालुओं की आस्था एवं भक्ति को ठेस पहुचता है। यहाँ पर
 नवरात्रि एवं विशेष त्योहारों में हजारों की तादात में भक्त  मां के दर्शन
 को आते है,तथा पानी के अभाव में वहाँ के पहाड़ ,तालाब व ठंडी हवा का आनंद 
लेने के लिए ज्यादा समय तक नही रुक पाते, दार्शनिक स्थल पर पानी की 
व्यवस्था न हो यह एक बहुत ही गंभीर समस्या है।
आने
 वाली दीपावली के दूसरे दिन ग्रामवासियों द्वारा विशाल मोनिया मेले का 
आयोजन किया जाता है जिसमें आसपास के गांव एवं दूर दराज से आयीं मोनियाँ की 
टोलियां भाग लेती है एवं मां के दरवार में नाच गाना करती हैं।
मेला प्रांगण में पूतना दहन का कभी कार्यक्रम लोगों को आकर्षित करने एवं परंपरा के तहत रखा जाता है।

 
 
 
 
 
 
 
 

 
 
 
 
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