शहर की सुंदरता में चार चांद लगाने वाले बेलाताल को पवित्र तालाब घोषित कर
दिया गया है। नगर पालिका ने पीआईसी की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पास
कर जिला प्रशासन को भेजा जिसे शासन स्तर पर भेजने की तैयारी की जा रही है।
दरअसल, तालाब में बढ़ती गंदगी और उसके रख-रखाव में आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। बेलाताल शहर का एकमात्र ऐसा तालाब है जिसके बीचों-बीच टापू पर दो मंदिर और उनको आपस में जोडऩे के लिए पुल बनाया गया है। टापू पर बने भगवान राम-जानकी, हनुमान जी एवं मां दुर्गा का मंदिर प्राचीन होने के कारण लोगों की आस्था का केंद्र है। तालाब को साफ-सुथरा रखने की मांग अकसर उठती रही है। ऐसे में तालाब को स्व'छ बनाए रखने का एक मात्र रास्ता नगर पालिका के पास उसे पवित्र घोषित करना था।
ऐसे हुआ पवित्र घोषित : तालाब संरक्षित, गहरीकरण एवं सफाई की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन एवं आंदोलन किए थे। कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने नगर पालिका को निर्देशित किया कि शीघ्र ही इसे पवित्र घोषित करने की कार्रवाई करे। पिछले माह 30 जनवरी को पीआईसी की बैठक में सर्वसम्मति से बेलाताल को पवित्र तालाब घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इस बीच कलेक्टर ने 11 फरवरी को पत्र भेजकर की गई कार्रवाई तलब की और नगर पालिका ने पारित प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा। प्रस्ताव पहुंचते ही कलेक्टर ने भी उसे अनुमोदित कर दिया। अब उसे शासन के पास भेजा जा रहा है।
कचरा डाला तो 500 रुपए लगेगा जुर्माना : तालाब पवित्र घोषित होने से उसकी पूरी उपविधि बनेगी। तालाब में किसी भी तरह की गंदगी फैलाने, वहां धूम्रपान करने, पॉलीथिन आदि डालने पर कम से कम 500 रुपए का जुर्माना किया जाएगा। आस्था के नाम पर अब उसमें कुछ भी नहीं फेंका जा सकेगा। इसके अलावा तालाब को चारों ओर से रेलिंग लगाकर सुरक्षित किया जाएगा तालाब पवित्र होने से उसकी सफाई के लिए अलग से बजट का प्रावधान भी किया जाएगा।
॥सुरक्षित रखने में जनता का भी दायित्व : बेलाताल को पवित्र तालाब घोषित कर दिया गया है। उसके लिए नगर पालिका और जिला प्रशासन अपने स्तर पर तो कार्रवाई और रखरखाव करेगी ही शहर के लोगों का भी दायित्व है कि उसमें गंदगी न डालें। तालाबों को स्व'छ बनाए रखने की अ'छी पहल है।
जिला महोबा, क्षेत्र जैतपुर, क़स्बा बेलाताल गरीबी और बेरोजगारी के कारन आदमी दिल्ली, पंजाब, और आगरा जैसे शहरन में पलायन करबे जात। लेकिन उन्हें जाबे आबे में भी कितनी परेशानियन को सामनो करने परत। एसे ही महोबा जिला के जैतपुर क्षेत्र के कम से कम तिरसठ ग्राम पंचायत के आदमी हर रोज पलायन करत। या फिर अपने घरे वापिस आ जात। लेकिन बेलाताल स्टेशन पे कोनऊ ट्रेन नइ रुकत।
उन्हें ट्रेन लेबे के लाने झांसी जाने परत और केऊ आदमियन की तो ट्रेने छूट भी जाती। बेलाताल स्टेशन पे ट्रेन रुके जाबे के लाने इते के आदमियन ने 16 नवम्बर से 20 नवम्बर तक क्रमिक अनशन भी करो।
लेकिन महोबा जिला के सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने आदमियन को आश्वाशन दओ के हम जो बात रेलवे मंत्री से करे और उनको अनशन ख़तम करवाओ।
नरेन्द्र कुमार ने बताई के आदमियन को दिक्कत होत आबे जाबे में जेसे व्यापारी हे किसान हे मजदूर हे सब को आने जाने परत। इते से कुलपहाड़ दस बारह किलो मीटर हे। और हमाय ते से सब सुपरफास्ट ट्रेने निकरती। अगर स्टेशन पे रुकन लगे तो बोहतई फायदा होन लगे हम सब को। जाकी दिनन से बात चल रही ती। लेकिन जब कछु नइ भओ तब हम ओरन को अनशन करने परो।
आदित्य नारायण ने बताई के इते से जब ट्रेने हे तो हमे सुविधा मिलबे। अगर हम नाजायज मांग करबे तो हमाई मांग न पूरी करो कोनऊ जरुरत नइया। रेल मंत्री ने जो नियम बनाय बे सब हे।
इते जनसंख्या भी हे और इते के छात्र भी पढबे जात। अगर कोऊ बीमार हो जांत तो हम पहले कुलपहाड़ जात फिर उते से ट्रेन पकर के जात। संपर्कक्रांति हे तो बाकी सौ प्रतिशत आवश्यकता हे दिल्ली, अगरा, मथुरा, सब वोई से जात।
दरअसल, तालाब में बढ़ती गंदगी और उसके रख-रखाव में आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। बेलाताल शहर का एकमात्र ऐसा तालाब है जिसके बीचों-बीच टापू पर दो मंदिर और उनको आपस में जोडऩे के लिए पुल बनाया गया है। टापू पर बने भगवान राम-जानकी, हनुमान जी एवं मां दुर्गा का मंदिर प्राचीन होने के कारण लोगों की आस्था का केंद्र है। तालाब को साफ-सुथरा रखने की मांग अकसर उठती रही है। ऐसे में तालाब को स्व'छ बनाए रखने का एक मात्र रास्ता नगर पालिका के पास उसे पवित्र घोषित करना था।
ऐसे हुआ पवित्र घोषित : तालाब संरक्षित, गहरीकरण एवं सफाई की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन एवं आंदोलन किए थे। कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने नगर पालिका को निर्देशित किया कि शीघ्र ही इसे पवित्र घोषित करने की कार्रवाई करे। पिछले माह 30 जनवरी को पीआईसी की बैठक में सर्वसम्मति से बेलाताल को पवित्र तालाब घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इस बीच कलेक्टर ने 11 फरवरी को पत्र भेजकर की गई कार्रवाई तलब की और नगर पालिका ने पारित प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा। प्रस्ताव पहुंचते ही कलेक्टर ने भी उसे अनुमोदित कर दिया। अब उसे शासन के पास भेजा जा रहा है।
कचरा डाला तो 500 रुपए लगेगा जुर्माना : तालाब पवित्र घोषित होने से उसकी पूरी उपविधि बनेगी। तालाब में किसी भी तरह की गंदगी फैलाने, वहां धूम्रपान करने, पॉलीथिन आदि डालने पर कम से कम 500 रुपए का जुर्माना किया जाएगा। आस्था के नाम पर अब उसमें कुछ भी नहीं फेंका जा सकेगा। इसके अलावा तालाब को चारों ओर से रेलिंग लगाकर सुरक्षित किया जाएगा तालाब पवित्र होने से उसकी सफाई के लिए अलग से बजट का प्रावधान भी किया जाएगा।
॥सुरक्षित रखने में जनता का भी दायित्व : बेलाताल को पवित्र तालाब घोषित कर दिया गया है। उसके लिए नगर पालिका और जिला प्रशासन अपने स्तर पर तो कार्रवाई और रखरखाव करेगी ही शहर के लोगों का भी दायित्व है कि उसमें गंदगी न डालें। तालाबों को स्व'छ बनाए रखने की अ'छी पहल है।
जिला महोबा, क्षेत्र जैतपुर, क़स्बा बेलाताल गरीबी और बेरोजगारी के कारन आदमी दिल्ली, पंजाब, और आगरा जैसे शहरन में पलायन करबे जात। लेकिन उन्हें जाबे आबे में भी कितनी परेशानियन को सामनो करने परत। एसे ही महोबा जिला के जैतपुर क्षेत्र के कम से कम तिरसठ ग्राम पंचायत के आदमी हर रोज पलायन करत। या फिर अपने घरे वापिस आ जात। लेकिन बेलाताल स्टेशन पे कोनऊ ट्रेन नइ रुकत।
उन्हें ट्रेन लेबे के लाने झांसी जाने परत और केऊ आदमियन की तो ट्रेने छूट भी जाती। बेलाताल स्टेशन पे ट्रेन रुके जाबे के लाने इते के आदमियन ने 16 नवम्बर से 20 नवम्बर तक क्रमिक अनशन भी करो।
लेकिन महोबा जिला के सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने आदमियन को आश्वाशन दओ के हम जो बात रेलवे मंत्री से करे और उनको अनशन ख़तम करवाओ।
नरेन्द्र कुमार ने बताई के आदमियन को दिक्कत होत आबे जाबे में जेसे व्यापारी हे किसान हे मजदूर हे सब को आने जाने परत। इते से कुलपहाड़ दस बारह किलो मीटर हे। और हमाय ते से सब सुपरफास्ट ट्रेने निकरती। अगर स्टेशन पे रुकन लगे तो बोहतई फायदा होन लगे हम सब को। जाकी दिनन से बात चल रही ती। लेकिन जब कछु नइ भओ तब हम ओरन को अनशन करने परो।
आदित्य नारायण ने बताई के इते से जब ट्रेने हे तो हमे सुविधा मिलबे। अगर हम नाजायज मांग करबे तो हमाई मांग न पूरी करो कोनऊ जरुरत नइया। रेल मंत्री ने जो नियम बनाय बे सब हे।
इते जनसंख्या भी हे और इते के छात्र भी पढबे जात। अगर कोऊ बीमार हो जांत तो हम पहले कुलपहाड़ जात फिर उते से ट्रेन पकर के जात। संपर्कक्रांति हे तो बाकी सौ प्रतिशत आवश्यकता हे दिल्ली, अगरा, मथुरा, सब वोई से जात।
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