हम सभी चरखारी में कई वर्षो से रह रहे है | हम समझते है कि हम चरखारी के 
बारे में सब कुछ जानते है पर दोस्तों ऐसा नही है | चरखारी से जुड़े कुछ ऐसे 
तथ्य भी है जिनके बारे में हमने पहले नही सुना | ऐसे ही कुछ तथ्यों के बारे
 में हम आज इस ब्लॉग में पढेगे|
  
3. चक्रधारी मंदिर के नाम पर चरखारी का नाम पड़ा |
राजा मलखान सिंह के समय चरखारी का नाम चक्रधारी मंदिर के नाम पर वेद्सहिता से चरखारी पड़ा |
4. राजा छत्रसाल के पुत्र जगत राज ने चरखारी के किले का निर्माण करवाया था |
5. चरखारी के सभी मंदिर चंदेल कालीन है |
6. किले पर सात तालाब मौजूद है |
   
7. ताल कोठी राजकीय अथिथि गृह था |
  
    
1 चरखारी का किला मंगल गढ़ भी कहलाता है |  
  चरखारी के किले को मंगल गढ़ इसलिए कहते है क्योकि इसकी नीव मंगलवार को रखी गयी थी |
2. चरखारी का प्राचीन नाम वेद्सहिता है |
  चरखारी का यह नाम देववर्मन ,वीरवर्मन, हम्मीरवर्मन के लेखो  में मिलता है |
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| चक्रधारी मंदिर का मुख्य द्वार | 
राजा मलखान सिंह के समय चरखारी का नाम चक्रधारी मंदिर के नाम पर वेद्सहिता से चरखारी पड़ा |
4. राजा छत्रसाल के पुत्र जगत राज ने चरखारी के किले का निर्माण करवाया था |
5. चरखारी के सभी मंदिर चंदेल कालीन है |
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| चरखारी नगर पालिका के पीछे का चित्र | 
चरखारी किले के ऊपर सात तालाब है जिनके नाम क्रमशः बिहारी सागर, राधा सागर,
 सिद्ध बाबा का कुंड, राम कुंड , चौपरा , महावीर कुंड , बख्त बिहारी कुंड 
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7. ताल कोठी राजकीय अथिथि गृह था |
राजा विजय बहादुर ने  ताल कोठी का निर्माण करवाया था जो कि उस समय राजकीय अतिथि गृह था | यह ईमारत नेपाल कि शैली पर आधारित है |
8. ड्योढ़ी दरवाजा राजा मलखान सिंह के कार्य काल में बना |
   ड्योढ़ी दरवाजा राजा मलखान सिंह के कार्य काल में महाराष्ट के अभियंता एकनाथ ने बनवाया |
9. टोला तालाब राजाओ का आखेट (शिकार ) स्थल था |
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| राव बाग़ कोठी (चरखारी) | 
10. राजा अरिमर्दन सिंह ने राव बाग़ कोठी का निर्माण करवाया था |
   राजा अरिमर्दन सिंह ने नेपाल नरेश कि पुत्री से विवाह किया था उन्ही के लिए राव बाग़ कोठी का निर्माण करवाया था |

 
 
 
 
 
 
 
 


 
 
 
 
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